उत्तराखण्ड

भू कानून और मूल निवास मुद्दे पर बोले यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री उनियाल

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 यूकेडी के जिलाध्यक्ष एमसी पांडे के पित्र प्रसाद में शामिल होने शांतिपुरी पहुंचे। केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि भू कानून, मूल निवास व स्थाई राजधानी गैरसैंण आदि यूकेडी के राज्य बनने से पहले के मुद्दे हैं। उत्तराखंड की जनता ने इसीको लेकर अलग राज्य निर्माण किया था। उनियाल ने कहा कि भू कानून और मूल निवास से तराई के लोगों को कोई नुकसान नहीं होने वाला है। कुछ लोग अलग राज्य का विरोध भी कर रहे थे, लेकिन तराई वासियों को कोई नुक़सान हुआ, बल्कि पहाड की अपेक्षा तराई क्षेत्र का सबसे अधिक विकास हुआ। कुछ लोग आज भू कानून और मूल निवास महारैली से चिंतित और भयभीत दिखाई दे रहे हैं। पूर्व विधायक किच्छा ने रक्षा समिति बनाकर पहाड और तराई के लोगों के बीच माहौल खराब किया, वहीं वर्तमान किच्छा विधायक ने अटल की रुद्रपुर सभा में आंदोलनकारियो पर लाठीचार्ज करवाया। सत्ताधारी लोगों ने आज तक भू कानून, मूल निवास और स्थाई राजधानी पर इन 23 वर्षो में सदन में बात नहीं रखी, उत्तराखंड के लोगों को ऐसे दोगले लोगों से बचकर रहना चाहिए। जिस प्रकार आज खनन का कार्य निजी कम्पनियों को दिया जा रहा है, इससे लाखों खनन व्यवसायियों और उनके परिवार पर रोजी रोटी का संकट छा गया है। यदि राज्य में भू कानून और मूल निवास लागू होता तो यहां के लोगों को ही रोजगार मिलता। देहरादून में तो अभी छोटा सा कार्यक्रम हुआ, जल्द महारैली का आयोजन कुमाऊं किया जाएगा। यहां केंद्रीय उपाध्यक्ष आनंद सिंह असगोला, जीवन सिंह नेगी, भानू प्रताप मेहरा, जमुनादत्त जोशी, भूपेश बिष्ट, नरेश जोशी व उमेश जोशी आदि मौजूद थे।