उत्तराखण्ड

शांतिपुरी में ट्रैक्टर-ट्रालियों व बुग्गियों से हो रहा अवैध खनन

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शातिंपुरी क्षेत्र नंबर तीन व चार में अवैध खनन का कार्य इन दिनों खूब फल-फूल रहा है। खनन माफिया ने पुलिस व प्रशासन के नाक तले बड़ी मात्रा में गोला नदी ओर खेतों के किनारे से बगैर अनुमति जेसीबी मशीन की सहायता से ट्रैक्टर-ट्रालियों, बुग्गियों और हाईवा से खेत खलिहानों में रेता-बजरी स्टॉक कर नजदीकी स्टोन क्रेशरो में बेच रहे है। शांतिपुरी गोला नदी से इन दीनों ट्रैक्टर-ट्रालियों तथा बुग्गियों के माध्यम से खेत खलिहानों में चोरी-छिपे रेता बजरी का स्टॉक कर दिन ,रात्रि अथवा प्रभात के समय बड़ी गाड़ियों से इसकी सप्लाई क्रेशरों को की जा रही है। यहां शांतिपुरी नंबर तीन, चार, शिवनगर आदि क्षेत्रों में पुराने पट्टों के रस्ते करीब चार से पांच स्थानों पर खनन माफिया दिन रात में चोरी छिपे पहले ट्रेक्टर-ट्रालियों व बुग्गियों के माध्यम से अपने खोतों व खलिहानों में रेता बजरी स्टॉक कर रहे हैं। जिसके तुरंत बाद वह खोदे गये स्थानों पर पुन: जेसीबी की मदद से गढ़ों को पाट देते हैं। वहीं कुछ स्थानों में सीधे मशीनों को नदी में उतार कर मौका पाते ही खोदे गये उपखनिज की सप्लाई बड़ी गाड़ियों से क्रशरों को करके मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। इस पूरे काम को अनजाम देने के लिए खनन माफियाओं का काफी मजबूत नेटवर्क काम करता है। जो हर एक चौराहों व निकासी मार्ग पर पैनी नजर रख पुलिस, खनन व राजस्व अधिकारियों के आने की सूचना खनन माफियाओं को पहले ही दे देते हैं। जिससे अधिकांश समय वह पुलिस व प्रशासन की पकड़ में आने से बच जाते हैं। आलम यह है कि अवैध खनन से जहां सरकार को करोड़ों का राजस्व नुक्सान हो रहा है वहीं सस्ते में चोरी का माल मिलने से नदी में पंजीकृत वाहन स्वामियों को स्टोन क्रेशरों में उचित रेट नहीं मिल पा रहे हैं।

इनसेट-1

शांतिपुरी नंबर चार में एक खनन पट्टे की स्वीकृति है। इसके अलावा तय मानकों के अनुरूप हम लगातार अवैध खनन रोकने के लिए छापेमारी कर रहे हैं। जिसमें कई वाहनों को पकड़ कर उनके खिलाफ कार्यवाही भी की गयी है।                         

कौस्तुभ मिश्रा एसडीएम किच्छा।

इनसेट-2

प्रशासनिक ढिलाई के कारण बड़ी मात्रा में अवैध खनन का सस्ता रेत-बजरी स्टोन क्रेशरों को लगातार सप्लाई हो रहा है। जिसके कारण डबल बीमा व डबल टैक्स तथा प्राइवेट फिटनैस का अतिक्त खर्चा वहन करने के बावजूद लगातार हमारे रेटों में कटौती की जा रही है।       

                

कविन्दर कोरंगा अध्यक्ष वाहन यूनियन इमलीघाट।