उत्तराखण्ड

आशियाना बचाने के लिए ग्रामीणों का धरना

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शांतिपुरी गेट से नगला बाईपास तक अतिक्रमण पर बुलडोजर चलने के विरोध में मंगलवार को 400 से ज्यादा ग्रामीणों ने नगला में धरना दिया। मामले में आज (बुधवार) को नैनीताल हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है। धरनास्थल पर बातचीत में लोगों ने बताया कि वे लोग 50 साल से यहां राह रहे हैं। उनके पास बिजली का कनेक्शन है, वोटर आईडी है, राशन कार्ड है, पानी का कनेक्शन है। अगर वे गलत थे तो सरकार ने उनके ये सभी प्रमाणपत्र क्यों बनाए। अब अचानक से अतिक्रमण के नाम पर उन्हें बेघर किया जा रहा है। बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं, उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा। 

एक बुजुर्ग महिला ने कहा कि न उनके पति जीवित नहीं हैं और न ही कोई बेटा है। इस बुढापे में अब वो कहाँ जाएं, सरकार ही बता दे। एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि सरकार के इस फैसले से एक ही बार में 700 से ज्यादा परिवार बेघर हो जाएंगे। एक व्यक्ति ने बताया कि सहालग के सीजन में उनकी बेटी के हाथ पीले होने वाले हैं, अब समझ में नही आ रहा कि यदि घर टूट गया तो बेटी की शादी कहाँ से करेंगे। सभी पीड़ितों ने सरकार से गुहार लगाई कि उनके आशियाने न उजाड़े जाएं, बीच का कोई रास्ता निकाला जाए। बैठक में धन सिंह कोरंगा, राजेश सिंह ओम प्रकाश गुप्ता, सुनील कुमार, अवधेश कुमार, संजय सिंह, दीपू , कैलाश जोशी, त्रिलोकी, शंभू नाथ, विजेंद्र यादव, बृजेश सिंह समेत बड़ी संख्या में महिलाएं पुरुष एवं बच्चे मौजूद रहे।