उत्तराखण्ड

सेना में सैनिकों की कम भर्ती से हो रही अफसरों की कमी: उपाध्याय

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कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डाॅ० गणेश उपाध्याय ने भाजपा सरकार पर सेना में सैनिकों की कम भर्ती करने का आरोप लगाया है। उन्होंने पत्रकार वार्ता में भाजपा सरकार को चेताते हुए कहा कि देश के लिए सेना भर्ती रैलियां उतनी ही आवश्यक हैं। जितना चुनाव अथवा धार्मिक आयोजन कराना। उन्होंने कहा कि सरकार बहुप्रचारित अग्निवीर योजना पर काम कर रही है। जिसका उद्देश्य एक तीर से दो शिकार करना है। जिसमें पहला मैनपावर कम करना और दूसरा पेंशन बिल कम करना है। जब अग्निवीर योजना की घोषणा की गई तो राजनेताओं ने पर्दे के पीछे से सेना के कंधे पर बंदूक रख गोली चलाई। सेना में जहां प्रतिवर्ष लगभग 60000 सैनिकों की सेवानिवृत्ति जारी है तो वहीं भारतीय फ़ौज में अफ़सरों की कमी भी बरक़रार है। सेना में खाली पदों को लेकर पिछले कई सालों से कई रिपोर्ट्स सामने आती रही हैं। लेकिन उन पदों को भरे जाने की प्रक्रिया आज भी पूरी नहीं हो पाई है। जिसका परिणाम आज यह है कि अधिकारीयों की कमी को देखते हुए नियुक्त अधिकारियों की पुनः नियुक्ति की योजना बनाई जा रही है। वहीं हज़ारों-लाखों बेरोजगार युवा आज भी सेना में भर्ती होने का इंतज़ार कर रहे हैं। जो उन्हें खाली पद होने के बावजूद भी नहीं मिल पा रही है। अग्निपथ योजना के जरिए से सेना में कमी का केवल एक हिस्सा भरा जा सकेगा। जबकि नेपाल और भारत सरकार के बीच अग्निवीर योजना को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। भारतीय सेना में पिछले 4 साल से गोरखा सैनिकों की भर्ती रुकी हुई है। अगर ऐसे ही रहा तो भारतीय सेना में साल 2030 तक कोई भी पूरी तरह से गोरखा बटालियन नहीं रह जाएगी।