उत्तराखण्ड

ऋतिका को वैदिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए स्वर्ण पदक

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मस्जिद कालोनी निवासी ऋतिका वाष्र्णेय वैदिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए स्वर्ण पदक हासिल कर युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गई हैं। उनकी इस उपलब्धि पर उनके घर बधाइयों का तांता लगा है। इससे पूर्व उन्होंने 21 जनवरी 2022 को बतौर यंग पल्मिस्ट (युवा हस्तरेखाविद्) सहित सटीक भविष्यवाणी और मार्गदर्शन के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकाॅर्ड में नाम दर्ज करवाकर पंतनगर का नाम रोशन किया था। बीती 22-24 सितंबर को ऑल इंडिया फलौदी एस्ट्रोलाॅजिकल रिसर्च सोसाइटी (पंजीकृत) कोटा की ओर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्व वैदिक विद्यालय वृंदावन में ज्योतिष विद्वानों को मंच प्रदान करने और महर्षि वेद व्यास, वेद प्रचार अनुसंधान गुरूकुलम की स्थापना के लिए नवम् विश्व ज्योतिष, तंत्र, वास्तु, योग, आयुर्वेद एवं वेद महासम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें ज्योतिष क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले देश के 13 विद्वानों सहित ऋतिका को संस्था के अध्यक्ष एवं मुख्य संयोजक अजय कुमार ’श्यामानंदी’ ने स्वर्ण पदक प्रदान किया। ऋतिका का लक्ष्य देश के सभी जिलों में विद्वान आचार्यों द्वारा युवाओं को कठोर अनुशासन के साथ वैदिक शिक्षा देना और वैदिक पुस्तकों का प्रचार-प्रसार करके उन्हें बिना लाभ हानि घर-घर में पहुंचाना है।

-इन्सेट में

कौन हैं ऋतिका वाष्र्णेय

मस्जिद कालोनी निवासी और परिसर के छोटी मार्केट में गुरू जनरल स्टोर के मालिक सुनील कुमार वाष्र्णेय (गुरू) व गृहणी अल्पना वाष्र्णेय की 22 वर्षीय पुत्री ऋतिका कुमाऊं विवि से स्नातक हैं। ऋतिका ने कोविड काल में घर पर रहने के दौरान अपने खाली समय का सदुपयोग करने का ख्याल आया और उसने अपनी बचपन की रूचि के अनुसार ज्योतिष विद्या का दो वर्षीय व्यवसायिक पाठ्यक्रम (ऑनलाईन) पूरा किया। बचपन की ख्वाहिश के चलते उसने हस्तरेखाओं को बारीकी से समझा और उनके आधार पर शत-प्रतिशत सटीक भविष्वाणी करने लगीं। ऋतिका के इस हुनर के कारण आज उसका एक अच्छा क्लाइंट बेस है। छोटी सी उम्र में इस उपलब्धि से उसके परिजन व परिचित काफी गौरवान्वित हैं।