उत्तराखण्ड

नगला अतिक्रमण मामले में व्यापारी व ग्रामीणों का आठवें दिन भी जारी रहा धरना प्रदर्शन

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लगातार आठवें दिन भी नगला अवैध अतिक्रमण मामले में विगत 5 अक्टूबर से व्यापारियों एवं ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहा। वहीं दूसरे दिन भी गुरुवार को नगला के व्यापारियों ने विरोध में अपनी-अपनी दोनों और लगभग 400 से ऊपर बनी दुकानें बंद रखकर ग्रामीणों के साथ धरना प्रदर्शन किया। आंदोलन की कमान बुजुर्ग महिलाओं ने संभाली और कहा कि नगला हमारी जन्मभूमि और कर्म भूमि है जिसे हम किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ सकते। गुरुवार को नगला अतिक्रमण मामले में नैनीताल हाईकोर्ट का फैसला सुनाया जाना था। जिसके लिए आंदोलनरत अधिकांश कार्यकर्ता कोर्ट गए हुए थे। बावजूद इसके बड़ी संख्या में गांव की बुजुर्ग महिलाओं ने धरना प्रदर्शन कार्यक्रम की बागडोर स्वयं अपने हाथों में लेकर आंदोलन को आगे बढ़ाया और धरना स्थल पर दिनभर स्वयं उपस्थित रहकर आंदोलनरत महिलाओं एवं पुरुषों का जमकर उत्साहवर्धन किया। धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही नगला की बुजुर्ग महिला शारदा गुप्ता ने कोर्ट से नगला के पक्ष में अच्छा फैसला आए। इसके लिए उन्होंने कहा कि हम बूढ़े हो चले हैं। लेकिन इस नगला में छोटी उम्र में ब्याह कर आई थी। आज उनके ना बेटे हैं बेटियों की शादियां हो गई है और पति भी नहीं है। ऐसे में वह कहां जा सकती हैं। कहा की सभी नगला वासी ही मेरे बेटा बेटी हैं और मेरे भाई बहन हैं। जिन्हें वह कभी नहीं छोड़ सकती। नगला उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। इसलिए वह न्यायालय और सरकार से नगला मांगती है और नगला के सिवा कुछ भी नहीं मांगती हैं। इस दौरान करीब आधे दर्जन से अधिक बुजुर्ग महिलाओं ने आंदोलनकारियों को संबोधित किया। उन्होंने प्रदेश सरकार, न्यायालय व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व विधायक राजेश शुक्ला जिंदाबाद के नारे लगाए और उनसे नगलावासियों को उजड़ने से बचाने की गुहार लगायी। इस दौरान धरना प्रदर्शन करने वालों में रजनी रेडी, गेंदा देवी, हेमा जोशी, भानुमती, धर्मलाल यादव, हेमा पांडे, भगवती पांडे, आरती बोरा, रंभा, नीलम, सीमा राय, दीपा बिष्ट, सीमा साह, अरुणा, निर्मला विश्वास, लालमती, पूनम श्रीवास्तव, विमला रावत, राजेश कुमार, सोनालर पाण्डे, सारदा गुप्ता, सोनाली दूबे, ईश्वरी देवी, लक्षमी जोशी, गायत्री शुक्ला, राजवती, पंकज गुप्ता, अनिल, रविन्द्र सिंह, हेमा बिष्ट आदि मौजूद रहे।