उत्तराखण्ड

गोलगेट जवाहरनगर के कवि सुभाषचंद्र चतुर्वेदी की दिल का दौरा पढ़ने से निधन

खबर शेयर करें -

समय सीमा है, सीमा के प्रहरियों को करना है प्रणाम…बनीं सुभाष की अंतिम पंक्तियां

पंतनगर काव्य महोत्सव के दौरान मंच पर कविता की लाइनें पढ़ते हुए वयोबृद्ध कवि सुभाषचंद्र चतुर्वेदी की दिल का दौरा पढ़ने से निधन हो गया। रविवार को पंतनगर विवि परिसर के कृषि महाविद्यालय स्थित डाॅ० बीबी सिंह सभागार में पंतनगर काव्य महोत्सव एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें पंतनगर निवासी कवि सुभाषचंद्र चतुर्वेदी उम्र 70 वर्ष कविता पाठ के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। जिनका सोमवार को गमगीन माहौल में मथुरा में अंतिम संस्कार कर दिया है। राष्ट्रीय स्वयं सुरक्षा अभियान की ओर से रविवार को भारतीय वीर जवानों के सम्मान में आयोजित पंतनगर काव्य महोत्सव के दौरान कवि सुभाषचंद्र चतुर्वेदी ने कविता पाठ करना शुरू किया और कहा कि समय सीमा है, सीमा के प्रहरियों को करना है प्रणाम और समय सीमा में ही सनातन का करना है गुणगान। मंच सजा है, अवसर न छोड़ूंगा। लक्ष्य एक है, हम सब एक हैं यह रिश्ता न तोड़ूंगा। कविता की ये पंक्तियां उनकी अंतिम पंक्तियां साबित हुईं और कविता पाठ के दौरान ही मंच पर उनको दिल का दौरा पड़ गया। आयोजकों ने उन्हें तुरंत विवि चिकित्सालय पहुंचाया, वहां से उनको जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजन उसी समय उन्हें उनके पैतृक आवास लंका किला मथुरा (यूपी) लेकर चले गए। वह अपने पीछे दो विवाहित बेटा बेटी को छोड़ गए हैं। बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति के सुभाषचंद्र चतुर्वेदी को 1974 में पंतनगर विवि में सहायक लेखाकार के पद पर नियुक्ति मिली थी। वर्ष 2014 में उन्होंने विवि से सेवानिवृत्त होकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंत विहार कॉलोनी गोलगेट जवाहरनगर में आवास बना लिया था। सेवानिवृति के बाद वह विवि परिसर में स्टेट बैंक के पीछे बेटे की सेंटर कैंटीन संचालन में हाथ बंटाने लगे। उनको कविता पाठ का बेहद शौक था। जिसके चलते वह विवि परिसर सहित आस-पास के कवि सम्मेलनों में भाग लिया करते थे। उनकी रामभक्ति ऐसी कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान वह जेल भी गए और हाल ही में संपन्न प्राण प्रतिष्ठा के दिन उन्होंने झा कालोनी मंदिर में लड्डू बंटवाए और भंडारे का आयोजन भी किया था।