उत्तराखण्ड

निजिकरण व पार्टल पंजीकरण का गोला संघर्ष समिति ने किया विरोध

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प्रदेश सरकार की गोला खनन निजिकरण पांलिसी व पोर्टल पंजीकरण व्यवस्था का गोला संघर्ष समिति लगातार विरोध कर रही है। वाहन स्वामियों व खनन से जुड़े लोगों का आरोप है कि सरकार की इस नयी व्यवस्था से खनन पर धीरे-धीरे एक निजि ठेकेदार का वर्चस्व रहेगा तो वहीं पोर्टल पंजीकरण व्यवसथा से वन निगम में गैर पंजीकृत वाहनों गोला में प्रवेश बढ़ेगा। जिससे जहां हजारों खनन व्यावसायियों का रोजगार छिनेगा वहीं आने वाले समय में खनन को लेकर आने वाले समय में गैगवांर की घटनाएं बढ़ेंगी। शनिवार को शांतिपुरी इलीघाट उपखनिज गेट पर सीओ लालकुआं संगीता व कोतवाल डीआर वर्मा की टीम दलबल के साथ पहुंची। जहां उनका मकसद कुछ वाहनों की गेट पर इंट्री कराकर गोला नदी में प्रवेश कराने की थी। लेकिल किसी भी वाहन के गेट पर नहीं पहुंचने से टीम अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाई और उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। पुलिस व प्रशासनिक टीम के शांतिपुरी इमलीघाट गेट पर पहुंचने की सुचना पर दर्जनों की संख्या में गोला संघर्ष समिति की टीम वहां पहुंच गयी। लेकिन तब तक पुलिस टीम वहां से लौट चुकी थी। जिसके बाद गोला संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के नेतृत्व में वाहन स्वामियों ने प्रदेश सरकार व प्रशासनिक टीम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इमलीघाट वाहन समिति अध्यक्ष कविंदर कोरंगा ने आरोप लगाए कि गोला संघर्ष समिति के लगातार आंदोलन एवं सरकार व प्रशासनिक स्तर पर वार्ता करने के बावजूद जबरन सरकार के इसारे पर पुलिस व प्रशासन की टीमें लगातार तानासाही फरमान को अमली जामा पहना कर क्षेत्र का माहौल दूषित करने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि इस मामले में शीशमहल से शांतिपुरी इमलीघाट तक के सभी गेटों पर खनन व्यावसायियों व वाहन स्वामी एकमत हैं और वह समस्या का शांतिपूर्ण हल चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि पुलिस व प्रशासन ने कुछ स्टोन मालिकों व रेता स्टांक स्वामियों को जबरन दबाव में लेकर माहौल खराब करने की कोशिश की तो इसके गंभी दुष्परिणाम होंगे। विरोध प्रदर्शन करने वालों में गोला संघर्षसमित अध्यक्ष रमेश जोशी, प्रबंधक मनोज दानू, अध्यक्ष इमलीघाट वाहन समिति कविंदर कोरंगा, पप्पू कोश्यारी, तारा राठौर, राजेन्द्र दानू, बसंत जोशी, छोटू दानू, ललित दानू, हरीश सुयाल, भगत मेहरा, भूपेश बिष्ट, प्रताप बिष्ट, मनोज कोश्यारी, गोबिन्द दानू, मनोज खोलिया, भूपेश कफल्टिया आदि मौजूद रहे।