उत्तराखण्ड

नगला वासियों ने डीएम से लगाई मदद की गुहार, ना उजाड़ने की अपील

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नगला-गोलगेट व शांतिपुरी गेट सैकड़ो निवासियों ने नगला मुख्य मार्केट पर धरना प्रदर्शन किया। गुरुवार को नगला मुख्य बाजार में जिला प्रशासन के अवैध अतिक्रमण हटाने संबंधी नोटिस जारी करने से परेशान नगला के सैकड़ों व्यापारियों व ग्रामीणों ने नगला बचाओ अभियान के बैनर तले अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर नगला वाशियों का बिनियमितीकरण कर उन्हें भूमि धरी अधिकार दिए जाने की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया। नगला मुख्य बाजार में आयोजित अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के पहले दिन सैकड़ों की तादाद में उपस्थित महिलाओं एवं पुरुषों ने इकट्ठा होकर जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार से पिछले 60 वर्षों से निवासित नगला को उजाड़ने के बजाय उन्हें नियमितीकरण कर भूमि धरी अधिकार दिए जाने की गुहार लगाई। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मंच पर पहुंची करीब आधा दर्जन बुजुर्ग महिलाओं ने रो-रो कर कहा कि डीएम साहब हमारे साथ न्याय करो। हम पिछले 60 वर्षों से यहां पर रह रही हैं। हम बेसहारा हैं हमें उजड़ने मत दीजिए। महिलाओं ने कहा हम भी भारत के नागरिक हैं और यदि हमें भी भारत में जीने का अधिकार है तो फिर हमारे साथ अन्याय क्यों। स्थानीय ग्रामीण जबर खान, विमला रावत व  लाला सतीश अग्रवाल ने कहा कि सन 1960 से नगला वीडियो की तीन से चार पुस्त बीत चुकी हैं। वह यहां पर रहकर छोटे-छोटे रोजगार के माध्यम से अपने खून पसीने की कमाई लगाकर अपने आशियाने खड़े हुए हैं। जिनके टूटने से हम पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने कहा की लोकनिर्माण विभाग की 55 फीट जगह जो अवैध अतिक्रमण में आ रही है उसे वह माननीय न्यायालय का सम्मान करते हुए खुशी-खुशी छोड़ना चाहते हैं। लेकिन जिस तरह के नोटिस उन्हें अलग-अलग विभागों से अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर दिए गए हैं उसमें विभागों में ही आपसी मतभेद नजर आते हैं। इसलिए बहुत आवश्यक है कि इस मुद्दे पर हर स्तर से पुनर्विचार किया जाए और वास्तविक डिमार्गेशन कर निर्दोष लोगों को उजड़ने से बचाया जाए। इस दौरान सोनाली दूबे, दीपा बिष्ट, राजवती, नीलम, शारदा गुप्ता, पुष्पा, ईश्वरी देवी, विदेशी प्रसाद, सतीश अग्रवाल, जबर खान, धनोज, विमला रावत, बाबूलाल, पन्नालाल, राजेन्द्र अग्रवाल, सचिन अग्रवाल, शतीश अग्रवाल, मुकेश वर्मा, धीरज वर्मा, प्रमोद बिष्ट, संजू बिष्ट, संजय शुक्ला, हरीश पाण्डे, केशर बिष्ट, त्रिलोकी, सुरेश वर्मा, रियासत अली, शौकत, कुन्दन बिष्ट, प्रमोद बिष्ट, जग्गू बिष्ट, संतोश दूबे व त्रिलोकी समेत सैकड़ो की संख्या में महिलाएं पुरुष एवं बच्चे धरने पर डटे रहे।