उत्तराखण्ड

शांतिपुरी में अवैध अतिक्रमण पर गरजी जेसीबी

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अतिक्रमण के खिलाफ शुक्रवार को पुलिस, लोनिवि और जिला प्रशासन की टीम ने संयुंक्त रूप से अभियान चलाया। इस दौरान अतिक्रमण की जद में आने वाली दुकानों, घरों और चहारदीवारी को ध्वस्त किया गया। अधिकतर जगहों पर प्रतिष्ठानों के 50 से 60 फीसदी तक निर्माण अतिक्रमण की जद में मिले। कुछ जगहों पर लोगों ने छिटपुट विरोध भी किया जिसे पुलिस ने शांत करा दिया।

 शांतिपुरी और जवाहरनगर में सड़कों पर अतिक्रमण के मामले में शांतिपुरी नंबर एक निवासी पूरन सिंह चौहान की ओर से हाईकोर्ट में लगाई गई पीआईएल के बाद लोनिवि व तहसील प्रशासन लगातार नोटिस जारी कर ग्रामीणों को अतिक्रमण खाली करने के लिए कर रहा था। कुछ ग्रामीणों ने पहले स्वयं ही अपने अतिक्रमण को तोड़कर सरकारी जगह खाली कर दी। वहीं शुक्रवार को पहुंची लोनिवि, तहसील प्रशासन भारी संख्या में मौजूद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचा।

टीम ने दुकान, मकान और चहारदीवारी को तोड़कर अतिक्रमण मुक्त किया। वहीं वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध नहीं होने के कारण कुछ लोगों को अगले दो-चार दिनों में अपनी व्यवस्था कर अतिक्रमण को स्वयं हटाने का अल्टीमेटम दिया है। 

इस दौरान शांतिपुरी नंबर तीन व चार में कुछ लोगों ने अतिक्रमण तोड़े जाने का विरोध किया और बगैर नोटिस के अतिक्रमण तोड़ने की बात भी कहीं लेकिन अधिकारियों के समझाने पर बाद वे खामोश हो गए। 

टीम ने दिनभर में शांतिपुरी नंबर एक, शांतिपुरी नंबर दो, शांतिपुरी नंबर तीन व शांतिपुरी नंबर चार में अभियान चलाया। इस दौरान लोक निर्माण विभाग के एई प्रकाश लाल, कोतवाल आरएस डांगी, तहसीलदार गिरीश चंद्र त्रिपाठी, पटवारी मीनाक्षी गोस्वामी समेत भारी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान मौजूद रहे।

लोक निर्माण विभाग ने अपने नक्शे के अनुरूप जिन स्थानों को अतिक्रमण में चिन्हित किया है उसमें से करीब 60 फीसदी जगह अतिक्रमण मुक्त कर दी गई है। शेष पर अभी डिमार्केशन एवं नोटिस जारी करने का कार्य त्वरित गति से जारी है। जो भी अतिक्रमण के दायरे में आएगा उसे हर हाल में हटाया जाएगा।  -गिरीश चंद्र त्रिपाठी तहसीलदार किच्छा।