उत्तराखण्डक्राइम/दुर्घटना

80000 कर्ज चुकाने के लिये बिंदुखत्ता निवासी नरेंद्र की कर दी हत्या

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बिंदुखत्ता निवासी 28 नवंबर को लक्ष्मण सिंह ने अपने साढू भाई बिंदुखत्ता तिवारी नगर प्रथम नरेंद्र सिंह खाती की गुमशुदगी रिपोर्ट पंतनगर थाने में दर्ज कराई थी। नरेंद्र सिंह खाती टाटा मोटर्स में कार्यरत थे और 28 नवंबर को ड्यूटी गए थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। पुलिस ने इस मामले में रामपुर जिले के खजुरिया थानांतर्गत ईश्वरपुर गांव के रहने वाले सौरभ कुमार उर्फ गौरव पुत्र राजाराम को गिरफ्तार किया।

पुलिस की शकताई से पूछताछ में सौरभ ने बताया कि उस पर 80,000 रुपए का कर्ज था। कर्ज न पाट पाने पर वह परेशान चल रहा था। इस बीच 28 नवंबर को वह अपने बड़े भाई अनूप सिंह के साले लाखन से मिलने नगला तिराहे पर गया। लाखन टायर पंचर की दुकान चलाता है। वापस लौटते समय नगला तिराहे से रुद्रपुर की तरफ टोल प्लाजा से पहले एक अज्ञात व्यक्ति को सौरभ ने स्कूटी पर खड़ा देखा। स्कूटी देखकर सौरभ के मन में लालच आ गया और उसने सोचा की स्कूटी बेचकर वह अपने कर्ज को चुका देगा।

इसी को लेकर वह बहला फुसलाकर नरेंद्र सिंह खाती को अंदर जंगल में ले गया और पहले से मौजूद चाकू से गला रेतकर उसकी हत्या कर दी और शव को झाड़ियां में छुपाकर उसका मोबाइल फोन व स्कूटी लेकर फरार हो गया। सर्विस लॉस और सीसीटीवी की मदद से पुलिस सौरभ तक पहुंच गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि मृतक के लूटे गए फोन को सर्विलांस पर लगाने के साथ ही अलग-अलग स्थान से सीसीटीवी कैमरे की मदद से अभियान चलाया गया और सौरभ को गिरफ्तार कर लिया गया। पंतनगर सीओ भूपेंद्र सिंह धोनी और प्रभारी निरीक्षक सुंदरम शर्मा की इस दौरान अहम भूमिका रही। एसएसपी ने बताया की उत्तर प्रदेश से भी सौरभ के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। कुल मिलाकर इस पूरे मामले ने तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह भी है कि राह चलता निर्दोष व्यक्ति भी इस तरह शिकार हो जाएगा तो काहे की कानून व्यवस्था ?

पुलिस ने इस मामले का एक सप्ताह के भीतर भले ही खुलासा कर दिया हो लेकिन न तो नरेंद्र सिंह खाती के बच्चों को उनके पिता का प्यार ही मिल पाएगा और ना ही पत्नी का सुहाग लौट सकेगा? सवाल यह भी है कि लालच के फेर में पड़े अपराधी का किस तरह नरेंद्र सिंह खाती शिकार हो गया। फिलहाल पुलिस ने लूटी गई स्कूटी और मोबाइल फोन के साथ ही वह चाकू भी बरामद कर लिया है जिससे नरेंद्र सिंह खाती की हत्या की गई थी।