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शांतिपुरी नंबर चार में बगैर परमिशन के हो रहा मिट्टी व रेते का अवैध खनन

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शातिंपुरी नंबर चार में अवैध खनन का कार्य इन दिनों तेजी से फल-फूल रहा है। खनन माफिया पुलिस व प्रशासन के नाक तले नियम-कानून की धज्जियां उड़ाकर बड़े पैमाने पर धरती का ‘सीना’ छलनी कर रेता-बजरी व मिट्टी का अवैध खनन कर रहे हैं। जहां से वह इसकी सप्लाई जरूरतमंदों को कर लाखों के वारे न्यारे कर रहे हैं। शांतिपुरी गोला नदी में खनन माफिया बगैर अनुमति जेसीबी व मजदूरों की सहायता से ट्रैक्टर-ट्रालियों, बुग्गियों और हाईवा से खेत खलिहानों में रेता-बजरी स्टॉक कर मौका पाते ही इसकी सप्लाई बाहर व नजदीकी गांवों के जरूरतमंद लोगों को कर रहे हैं। यहां शांतिपुरी नंबर चार शिवनगर, कोर्टखरा व कनमन क्षेत्र में बगैर पट्टे स्वीकृति के पुराने पट्टों के रास्ते से करीब चार-पांच स्थानों पर खनन माफिया दिन व रात चोरी छिपे अवैध खनन कर रहे हैं। जिसके तुरंत बाद वह खोदे गये स्थानों पर पुन: जेसीबी की मदद से गढ़ों को पाट देते हैं। तो वहीं कुछ स्थानों में सीधे मशीनों को नदी में उतार कर मौका पाते ही खोदे गये उपखनिज की सप्लाई बड़ी गाड़ियों से बाहर कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। इस पूरे काम को अनजाम देने के लिए खनन माफियाओं का काफी मजबूत नेटवर्क काम कर रहा है। जो हर एक चौराहों व निकासी मार्ग पर पैनी नजर रख पुलिस, खनन व राजस्व अधिकारियों के मोमैंट की रैकी कर उनके आने की सूचना खनन माफियाओं को पहले ही दे देते हैं। जिससे अधिकांश समय वह पुलिस व प्रशासन की पकड़ से बच जाते हैं। आलम यह है कि जहां अवैध खनन से सरकार को करोड़ों का राजस्व नुक्सान हो रहा है। तो वहीं सड़कों पर ओवरलोड अवैध उपखनिज ढ़ोने वाले वाहनों से दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है और पुलिस व प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है।

इनसेट-1

शांतिपुरी में अवैध खनन की बात संज्ञान में नहीं है। शांतिपुरी में कुछ खनन पट्टों की फइलें प्रोसेसिंग में हैं। परन्तु कनमन से शांतिपुरी तक अभी एक भी खनन पट्टा स्वीकृत नहीं है। कनमन से नीचे मात्र एक पुराना पट्टा चल रहा है। अवैध खनन कही होता पाया गया तो उस पर कार्यवाही होगी।   

    

ग्रीश चंद्र त्रिपाठी तहसीलदार किच्छा।